Brief Notes from Yajyen – June 22, 2020

अन्न दान कितना महान है। यह चलता रहे।  जितने भी यहाँ आए वह भोजन करके जाएं। जो ना आ सके उनके लिए भी लेकर जाएँ।  जो दूर रहते हैं उनके लिए घर भी ले जाओ। ओ३म् धारावरा मरुतो धृष्ण्वोजसो मृगा न भीमास्तविषीभिरर्चिनः।  अग्नयो न शुशुचाना ऋजीषिणो भृमिं धमन्तो अप...

Brief Notes from Yajyen – June 20, 2020

सभी शिष्यों को रिटायरमेंट के बाद विद्या के प्रसार करने की कोशिश करनी चाहिएI  आज्ञा यह है कि ६० साल के बाद ईश्वर और गुरु को आयु दे दोI  अभी भी दे दोI  ऋषि के चरणों में जो हैं  वे भगवान की गोद में बैठे हैंI  जब आप साधना करते हो तभी आप उसकी गोद...

Brief Notes from Yajyen – June 19, 2020

इस मंत्र का भाव है कि जैसे  जैसे पहले जमाने में  राजा चारों वेदों के ज्ञाता होते थे और प्रजा के लिए  प्रबंध भी करते थे और खुद भी उपदेश करते थेI उपनिषद में सच्ची कथा आती है कि एक ब्राह्मण के घर में अग्नि खत्म हो गईI जैसे वाल्मीकि रामायण  में आया कि न निरग्निः – ...

सृष्टि एवं वेदों की उत्पत्ति एवं आज का विज्ञान

स्वामी राम स्वरूप जी, योगाचार्य, वेद मन्दिर, योल आज विज्ञान चहुमुँखी उन्नति की ओर अग्रसर है। आकाश, समुद्र एवं पृथ्वी पर उसका राज्य सा विद्यमान है। यह एक प्रसन्नता का विषय है। यजुर्वेद मंत्र 40/41 में ईश्वर ने स्पष्ट किया है कि मनुष्य भौतिक उन्नति (विज्ञान) एवं...

Win over the cycle of birth and death

By Swami Ram Swarupji, Yogacharya Birth, thereafter death; after death, rebirth based on pious or unpious deeds, this is an eternal and everlasting Prakriti made cycle. You see, if sun does not rise, naturally, the day will be covered with intense darkness. Knowledge...