अन्न दान कितना महान है। यह चलता रहे। जितने भी यहाँ आए वह भोजन करके जाएं। जो ना आ सके उनके लिए भी लेकर जाएँ। जो दूर रहते हैं उनके लिए घर भी ले जाओ। ओ३म् धारावरा मरुतो धृष्ण्वोजसो मृगा न भीमास्तविषीभिरर्चिनः। अग्नयो न शुशुचाना ऋजीषिणो भृमिं धमन्तो अप...
सभी शिष्यों को रिटायरमेंट के बाद विद्या के प्रसार करने की कोशिश करनी चाहिएI आज्ञा यह है कि ६० साल के बाद ईश्वर और गुरु को आयु दे दोI अभी भी दे दोI ऋषि के चरणों में जो हैं वे भगवान की गोद में बैठे हैंI जब आप साधना करते हो तभी आप उसकी गोद...
इस मंत्र का भाव है कि जैसे जैसे पहले जमाने में राजा चारों वेदों के ज्ञाता होते थे और प्रजा के लिए प्रबंध भी करते थे और खुद भी उपदेश करते थेI उपनिषद में सच्ची कथा आती है कि एक ब्राह्मण के घर में अग्नि खत्म हो गईI जैसे वाल्मीकि रामायण में आया कि न निरग्निः – ...
स्वामी राम स्वरूप जी, योगाचार्य, वेद मन्दिर, योल आज विज्ञान चहुमुँखी उन्नति की ओर अग्रसर है। आकाश, समुद्र एवं पृथ्वी पर उसका राज्य सा विद्यमान है। यह एक प्रसन्नता का विषय है। यजुर्वेद मंत्र 40/41 में ईश्वर ने स्पष्ट किया है कि मनुष्य भौतिक उन्नति (विज्ञान) एवं...
By Swami Ram Swarupji, Yogacharya Birth, thereafter death; after death, rebirth based on pious or unpious deeds, this is an eternal and everlasting Prakriti made cycle. You see, if sun does not rise, naturally, the day will be covered with intense darkness. Knowledge...