Vasu: Swamiji Namaskaram. As you mentioned Quran was revealed 1500 yrs ago, but what Muslims say is the Adam and Eve are the 1st mankind on the earth and they are Muslim, so we all are their bloodline and we all also Muslims and every living and non living thing on...
वेद निर्मल ईश्वर की वाणी है। यह लिखे भी नहीं भगवान ने और ना ही मुंह से बोल कर दिए हैं। क्योंकि भगवान तो निराकार है। अकाय है, उसके तो हाथ, पैर ,इंद्रियां होती ही नहीं है, तो वह बोल नहीं सकता। बोलते तो ऋषि मुनि है। जैसे हर सृष्टि के आरंभ में बिना लिखे, पढ़े, चारों...
पृथिवी पर हर समय एक यथार्थ वक्ता की आवश्यकता है। यथार्थ वक्ता का मतलब है कि जो जैसा है वैसा ही बोलना। इसमें प्रमाण यही है कि ईश्वर जैसा है वैसा ही बोलो। अपनी मर्जी से क्यों बोलते हो? वेदों में ईश्वर का जैसा वर्णन है वही बोलो। वह जो बोलेगा और जो वेदों को सुनेगा...
ओ३म् एतास्ते अग्रे समिधस्त्वमिद्धः समिद्भव। अयुरस्मासु धेह्य्म्रितत्व्माचर्याय। (अथर्ववेद मंत्र १९/६४/४) यह आचार्य के लिए निरोगता और आयु बढ़ाने वाला मंत्र है। इसका अर्थ है कि ध्यान, धर्माचरण, आचार्य की आयु और निरोगता बड़े। इस मंत्र का यह भी भाव...
दिल तो मेरा कहता है कि सारा दिन में वेद उच्चारण करो पर भगवान का नियम है कि वृद्धावस्था आती ही है। इस मंत्र को देखो: विद्वान् को तो भगवान नहीं छोड़ा ही नहीं है। इंसान ने तो विद्वानों को छोड़ दिया है। वे हंसी-मजाक, पाप आदि में लगे रहते हैं...