Anonymous: Quran prohibits taking interest on loan .they say it creates divide in society rich becomes richer .Vedas allows it ,as I believe Vedas are word of God why does it allow it .I just want to know what Vedas had to say abt it.i know what manu smriti says but it is written by a great Rishi or Yogi but it is not word of god.please can u clear my confusion

Swami Ram Swarup: Every rishi, muni write his  article based on vedic knowledge only. So, the articles written by any rishi-muni comes in proofs. I paste my article on proofs below –

योग शास्त्र सूत्र 1/7 के अनुसार किसी भी वस्तु को सत्य सिद्ध करने के लिए यह तीन प्रमाण ही तो देने होते हैं. प्रथम प्रमाण है— प्रत्यक्ष प्रमाण

 दूसरा— अनुमान प्रमाण

तीसरा प्रमाण— आगम प्रमाण।

 अनादि काल से अपनी बात को या किसी वस्तु को सत्य सिद्ध करने के लिए शास्त्रों में तीन प्रमाण देने होते हैं।

      आगम प्रमाण में दो प्रमाण होते हैं— एक वेद मंत्र का प्रमाण देना, दूसरा ऋषि के वचनों का प्रमाण देना।