DSS: गुरुजी को मेरा दंडोत्वत चरण स्पर्श। स्वामी जी मैं आपका तहेदिल से स्वागत करता हूँ और आपको ही विश्व का चक्रवर्ती राजा मानता हूँ क्योंकि राजा में आप जैसे गुण होने चाहिए। वो आज देखने को दूर-दूर तक नहीं मिलते। यदि किसी नेता से अगर बात होती है वेदों के प्रचार वास्ते तो क्या स्वामी जी आप तैयार होंगे? उसके लिए कोई rule-नियम है तो जरुर बताएं। आपकी आज्ञा होगी तो मैं जरुर प्रयास करूँगा।
Swami Ram Swarup: मेरा आपको हार्दिक आशीर्वाद, बेटा। हाँ बेटा, यदि वेदों के प्रचार के लिए कोई बातचीत होती है तो मैं इस बुढ़ापे में भी तैयार हूँ। आपको मेरा बहुत-बहुत आशीर्वाद।
Anonymous: Pranam Rishivar.
1) When the knowledge by God was first given to 4 rishis, those rishis were male or female.
2) God is everywhere. When a person realized God where does God resides in heart? And why in heart only and not in head or throat etc?
3) Soul enter in body in which month or day?
Dhanyawad. Pranam yogi maharaj.
Swami Ram Swarup: My blessings to you, beti. I am fine beti and pray to God for your well-being.
1.) The four Rishis were male, named Agni, Vaayu, Aditya, angira.
2.) God is omnipresent. So, He is realized in entire heart. To be realized in heart, is an eternal and everlasting rule of Vedas/God which cannot be changed.
3.) At the time of death, soul leaves the body and wanders in the space for thirteen days. After thirteen days, soul comes back on the earth and enters the womb of mother.
Upendra: पितामह के चरण कमलों में कोटि कोटि प्रणाम,
स्वामीजी हमारे यहाँ कुछ रिवाज़ है
1. पिता और माता बेटी और दामाद के पैर छुते है ।
2. बड़ा भाई भी छोटी बहन के पैर छुता है ।
3.स्वामीजी क्या छोटी बहन को बड़े भाई के पैर छूने चाहिए ।
3. बहु अपने सास ससुर के पैर छूती है और आशीर्वाद लेती है ।
स्वामी जी वेदों के अनुसार क्या यह सही है कृपया हमें मार्गदर्शन करने की कृपा करें ।
प्रणाम स्वामीजी ,
आपका दास उपेंद्र।
Swami Ram Swarup: मेरा आपको बहुत-बहुत आशीर्वाद, बेटा। अगर बड़ा भाई गुणों में बड़ा है और घर की देखभाल करता है तब छोटी बहन बड़े भाई के पैर छूने की अधिकारी है। बाकी बेटा ये custom बनाया हुआ है, यह टूटना मुश्कील है। इन्हें चलने दो।