Anonymous: एक धर्मग्रन्थ को पढ़कर मुझे यह ज्ञात हुआ है कि पति का सम्मान किया जाना चाहिए और यदि वह गलत भी हो तो पत्नी को उसका साथ नहीं छोड़ना चाहिए। और वैसे ही पत्नी के बारे में भी कहा (पत्नी का सम्मान किया जाना चाहिए और उसे नहीं छोड़ा जाना चाहिए)। अगर यह सच नहीं है तो क्या यह नियम सिर्फ पति पर लागू होता है? क्या कोई पक्षपात है?
स्वामी राम स्वरूप: बेटी, ईश्वर कभी पक्षपात नहीं करते। ये तो आपने त्रेता युग में लिखी वाल्मीकि रामायण पढ़ी है और उस समय पृथ्वी पर केवल वेद ही वेद का प्रकाश था, इसलिए वेदों के आधार पर और राजा दशरथ जिनका परिवार वेदों के अनुसार जीवन व्यतित करता था वाल्मीकि जी ने वैसा ही लिखा दिया लेकिन जब हम चारों वेदों का अध्ययन करते हैं तो मालुम होता है कि पत्नी वेद विरुद्ध विचार वाली है या पति वेद विरुद्ध गलत विचार वाला है, घर में कलह होती है तो दोनो को एक सा दंड दिया जाता है ऐसा वेदों में कहा है। मैं यहाँ दंड के विषय में नहीं लिख सकता क्योंकि लेख बहुत लंबा हो जाएगा।
Arpit: Swami ji namaste Mai aap se puchna chahta tha ki Maine 8 se Jada trees lagae the but unme se ek bhi nahi bda Hua or Maine abhi Jana ki plants ke andar jeevatma hoti to kya Maine paap kardia hai
Swami Ram Swarup: Aashirwad beta. Nahi beta aapne koi paap nahi kiya. Kyunki aap to chahte the ki plants fale fule par weh nahi fale fule, Haan agriculturist se jarur salah karein ki yeh kyun nahi fale fule.