Pravin: Please enter books and other publications, alongwith special instructions (details supplied)
Swami Ram Swarup: Yes, the books are being sent to you, please.
Anupam: बहुत बहुत धन्यबाद गुरुजी।गुरुजी जैसा आपने बताया कि महाभारत मे उन्ही पात्रों का वर्णन है जिन्हें व्यासमुनि जी ने वर्णित किया तो क्या राधाजी का वर्णन किसी ऋषि प्रणीत ग्रंथ मे भी आता है। बहुत बहुत धन्यबाद गुरुजी।पर क्या गुरु दीक्षा देते मे ही भव सागर पार करने का उपदेश देते है व उस बात को किसी को नही बताना चाहिए जैसा अक्सर लोग दीक्षा लेने के उपरांत कहते है।जैसे आप मेरे गुरु है यद्यपि अभी दीक्षा लेना शेष है तो मुझे तो आपसे जो भी ज्ञान प्राप्त होता है मैं सबको बताती हूँ क्योंकि अच्छाई तो सभी जगह फैलनी चाहिए।और आपको सर्वदा लोगो का ज्ञान वर्धन करते देख रही हूँ चाहे वह प्रश्न उत्तर के माध्यम से हो,किताबो के माध्यम से,चाहे मिक्सलर एप्प के माध्यम से।आप तो सभी को समान रूप से शिक्षा दे रहे है फिर अन्य गुरुजन अपने द्वारा दीक्षा प्रक्रिया के समय दिए ज्ञान को ओरो से शेयर करने से क्यो मना करते है।क्या वाकई दीक्षा मे प्राप्त ज्ञान को ओरो के साथ नही बांटा जाता।गुरुजी क्या अष्टावक्र ऋषि का शरीर आठ जगह से टेढ़ा था उनके विषय मे क्या कथा है।
Swami Ram Swarup: Blessings beti. Radhaji ka varnnan kisi bhi Rishi-praneet granth mein nahin hai. Deeksha vedic shabda hai jismein Brahmacharya aadi anek shubh karmon kee shiksha dee jaatee hai.Baaki baatein yahaan aakar confirm kar lena. Jo guru se gyan prapt ho, weh jo bhi adhikari hai, usey bataana chahiye. Ismein chchupane kee koi baat nahi hai. beta aapko vedic gunn aur ved virodhi guru mein antar swayum samajh lena chahiye. Ashtavakra ka shareer aath angon se teda tha, shesh jub yahaan aaoge tub pooch lena.
Gautam: Please send me. My book name “vedas divine light part III” by Swami Ram Swarup, Yogacharya which should contain duties of husband & wife both.
Swami Ram Swarup: Book is being sent to you, please.
Anonymous: Swamiji !! I have donated some amount earlier as well when I had ordered some books from you to London !! It was a long time back ! I have been doing havan for almost more than 5 years now ! Sagar introduced me to this !! I have been guided by you on several occasions before !! I feel a lot of guilt bcos even though I do havan regularly , am not able to attain peace within me bcos of the mind which wanders around ! My parents are both ill and they are in India and I am abroad in London and I am trying to move back to India so I can look after them and be able to give my kids good Vedic knowledge as well! Regards.
Swami Ram Swarup: I appreciate your pious deed of performing haven with ved mantras. This is a real worship of God. If you have source of earning in India to feed the family, then you should immediately come back to look after your parents and kids because wealth is necessary but main motto of our life is to follow vedic path while discharging our moral duties.
Anupam: गुरुजी सादर प्रणाम।गुरुजी दीपावली मनाने को रामजी के वनो से लौटने व राज्य सम्हालने के साथ जोड़ा जाता है तो क्या इस घटना के बाद से ही दीपावली मनाया जाने शुरू हुआ होगा।इसी प्रकार राखी, होली इत्यादि त्योहारों का क्या पहले के ग्रंथों में भी उल्लेख आता है या पुराणों मैं ही इनका उल्लेख है।यदि ये त्योहार पौराणिक उल्लेख के है तो यह तो समाज मे खुशी लाते है तो यदि ये पुराणों मे भी उल्लखित हो तो क्या पुराणों का सकारात्मक पक्ष होगा।कृपया मार्गदर्शन करें।
Swami Ram Swarup: Blessings beti. Beti aapko puraanon ke baare mein maine pehle bataya tha aur ved ke baare mein bhi yeh shiksha dee hai ki ved mein kisi katha, kisi history, ghatna aadi ka varnnan nahi hai. Shesh yahan aakar poochchey.