Anand: Swamiji namashkaram.. I am doing Gayathri Homam daily for 2 years as per your instructions. what are the safety measures should be taken for protection from the Corona Virus.. Is this situation symptoms of world to be end? Swami Ram Swarup: Dear Amand, not only...
स्वामी राम स्वरूप जी, योगाचार्य, वेद मंदिर (योल) (www.vedmandir.com) परमेश्वर की पूजा थोपी नहीं जा सकती। अतः परमेश्वर की पूजा करने से पहले प्रमाण, तर्क-वितर्क आदि द्वारा यह जानना आवश्यक है कि परमेश्वर किसे कहते हैं, परमेश्वर का दिव्य ज्ञान, बल, और कर्म स्वरूप आदि क्या...
स्वामी राम स्वरूप जी, योगाचार्य, वेद मंदिर (योल) (www.vedmandir.com) ऊपर लिखे वाक्य का सीधा सा अर्थ है कि ईश्वर के समान दूसरा कोई और ईश्वर नहीं है, परन्तु ईश्वर से कम शक्ति वाला जगत् है और प्राणी विद्यमान है। जैसे कोई कहे की इस अखाड़े में बलवान सिंह जैसा कोई पहलवान...
स्वामी राम स्वरूप जी, योगाचार्य, वेद मंदिर (योल) ओ३म् वाजस्येमं प्रसवः सुषुवेऽग्रे सोमं राजानमोषधीष्वप्सु। ताऽअस्मभ्यं मधुमतीर्भवन्तु वयं राष्ट्रे जागृयाम पु॒रोहिताः स्वाहा।। (यजुर्वेद ९/२३) यजुर्वेद मंत्र ९/२२ और ९/२३ में ईश्वर की आज्ञा है कि मनुष्यों को संसार...
स्वामी राम स्वरुप जी, योगाचार्य, वेद मंदिर (योल) प्रथम हमें यह जानने की आवश्यकता है कि वेद ईश्वर से उत्पन्न वाणी है किसी मनुष्य की नहीं। ईश्वर सत्य है इसलिए उसके द्वारा दी गयी वेद वाणी भी सत्य है। वेदों में ईश्वर ने अनंत विद्याओं का वर्णन किया है जैसे स्वास्थय,...
स्वामी राम स्वरुप जी, योगाचार्य, वेद मंदिर (योल) (www.vedmandir.com) राजा युधिष्ठिर ने शरशय्या पर लेटे हुए पितामह भीष्म से अहिंसा धर्म के विषय में पूछा – मैं जानना चाहता हूँ कि मन, वचन अथवा कर्म से हिंसा का आचरण करने वाला मनुष्य अपने दुःख से छुटकारा कैसे...
Swamiji is sitting in merriment on March 19, 1979 वेद मंदिर, योल में सन् १९७८ से ४-६ बार वेद मंत्रों के उच्चारण से विधिपूर्वक प्रतिदिन यज्ञ किया जाता है। प्रतिवर्ष अप्रैल से जून के आखिरी हफ्ते तक चारों वेदों का अनुष्ठान प्रवचन सहित किया जाता है। ज्ञिज्ञासुओं को...
स्वामी राम स्वरुप जी, योगाचार्य, वेद मंदिर (योल) जो प्रयास हमारी सरकार कोरोना वाइरस को नष्ट करने के लिए कर रही है वह सराहनीय है। क्या अच्छा हो कि हम इस बीमारी से लड़ने के लिए वैदिक विज्ञान की शरण में भी जाएँ। प्रथम हमें यह जानना पड़ेगा कि वेद ईश्वर से...