Brief Notes from Yajyen – May 01, 2020 (Morning) – In Hindi

वेद सुनने के लिए प्रातः काल की वेला अच्छी होती है।  ओ३म् ईळे द्यावापृथिवी पूर्वचित्तयेऽग्निं घर्मं सुरुचं यामन्निष्टये। याभिर्भरे कारमंशाय जिन्वथस्ताभिरू षु ऊतिभिरश्विना गतम् ॥ (ऋग्वेद मंत्र 1/76/१) विद्वान से और परमात्मा से प्रार्थना करो! अगर प्रार्थना नहीं...

Brief Notes from Yajyen – April 30, 2020 (Evening) – In Hindi

अनन्ता वै वेदाः – वेद तो अनंत हैं यानी वेद का ज्ञान तो अनंत है और यह कई जन्मों में जीव इसको पा लेता है। यह अमृतवाणी है, मतलब मरती नहीं है। जो आपने सुन लिया है तो आपका हो गया। अगले जन्मों में जो सुनोगे जो पहले सुना नहीं। देव योनि में आओगे फिर जीव भटकेगा...

Brief Notes from Yajyen – April 30, 2020 (Morning) – both Hindi & English

इस मंत्र में कहा जब मनुष्य वायुयान बना लेता है और उसे चलाना होता है तो अग्नि और वायु की जरूरत पड़ती है। जब इंसान वायुयान बना लेता है और उसको चलाता है तो उसमें और वायु और अग्नि काम करते हैं । वायु अग्नि उसको चलाते हैं। वायु अग्नि  कारों में भी, मोटरसाइकिल में भी,...

Brief Notes from Yajyen – April 29, 2020 – in Hindi

स्वामीजी यज्ञ कराते हुए ओ३म् प्र मन्महे शवसानाय शूषमाङ्गूषं गिर्वणसे अङ्गिरस्वत्।  सुवृक्तिभिः स्तुवत ऋग्मियायार्चामार्कं नरे विश्रुताय ॥ (ऋग्वेद १/६२/१) (सुवृक्तिभिः) दोषों को दूर करने वाले क्रियाओं से (शवसानाय) बल युक्त (गिर्वणसे) वेद वाणियों से, स्तुति के...

परमात्मा की उपासना से मनुष्य जीवन की पवित्रता

स्वामी राम स्वरूप जी, योगाचार्य, वेद मंदिर (योल) (www.vedmandir.com) ओ३म् धीरा त्वस्य महिना जनूंषि वि यस्तस्तम्भ रोदसी चिदुर्वी ।  प्र नाकमृष्वं नुनुदे बृहन्तं द्विता नक्षत्रं पप्रथच्च भूम ॥ (ऋग्वेद ७/८६/१) (यः) जो परमात्मा (वि) अच्छी तरह (रोदसी) द्युलोक (चित्) और...

Brief Notes from Yajyen – April 28, 2020 (Evening) – in Hindi

स्वामी राम स्वरूप जी यज्ञ कराते हुए ओ३म् यद्देवानां मित्रमहः पुरोहितोऽन्तरो यासि दूत्यम् । सिन्धोरिव प्रस्वनितास ऊर्मयोऽग्नेर्भ्राजन्ते अर्चयः ॥ (ऋग्वेद मंत्र १/४४/१२)  इसमें परमेश्वर की महिमा है| जैसे परमेश्वर सबका मित्र है, वह किसी से राग द्वेष नहीं करता, सिर्फ...