Brief Notes from Yajyen – May 10, 2020 (in Hindi)

ओ३म् अध स्वप्नस्य निर्विदेऽभुञ्जतश्च रेवत:। उभा ता बस्रि नश्यतः॥ (ऋग्वेद मंत्र १/१२०/१२) यह जो भगवान का ज्ञान है, वो कमाल का है। जो ऐश्वर्यवान् न देनेवाला वा जो दरिद्री उदारचित्त है, अर्थात् अमीर है पर दानी नहीं है  और दूसरा गरीब है पर उदारचित्त  है –...

Brief Notes from Yajyen – May 09, 2020 (In Hindi)

यह मैंने बहुत बार समझाया है और आपको पक्का समझ में आया होगा।  यह जो आप मंत्र उच्चारण कर रहे हो, यह बड़ा दुर्लभ है। यह ईश्वर की प्रार्थना स्तुति और उपासना है। से बस कभी कम कमजोर मत करना। कमजोर का मतलब है कि यह सोच कि हम क्या बोल रहे हैं? हम प्रतिदिन उपासना करें तो...

साधक को पाप-कर्मों से दूर रहना चाहिए

स्वामी राम स्वरूप जी, योगाचार्य, वेद मंदिर (योल) (www.vedmandir.com) ओ३म् किमाग आस वरुण ज्येष्ठं यत्स्तोतारं जिघांससि सखायम् । प्र तन्मे वोचो दूळभ स्वधावोऽव त्वानेना नमसा तुर इयाम् ॥ (ऋग्वेद ७/८६/४) (वरुण) हे परमात्मा (ज्येष्ठं) बड़े (आगः) पाप (किं) क्या (आस) हैं।...

Brief Notes from Yajyen – May 08, 2020 (in Hindi)

मंत्र का चिंतन करते हैं। (वृषणा) विद्या का दान देने वाले, विद्या बरसाने वाले नारी या पुरुष,  बलवान् (अश्विना) यह बहुवचन में है तो नारी या पुरुष।  यह जो पूर्व के विद्वानों ने जो तुम्हारे लिए रास्ता बनाया।  अभी मैंने लेख में ‘यं ते पूर्वं पिता हुवे’...

Questions & Answers – May 08, 2020

S. Sharma: Maharaj ji Pranam. Vedas say that in the beginning of creation , the four vedas are revealed by God in the hearts of four rishis. Then they teach to one Brahma who further propagates. The question is that if one person can learn all the four vedas , why God...

Brief Notes from Yajyen – May 07, 2020 (In Hindi)

नाकस्य पृष्ठे – मोक्ष के आनंद का अनुभव करो।  प्रश्न यह आ जाता है कि मोक्ष कब और कैसे मिलेगा।  यह पूर्णिमा और अमावस्या के यज्ञ मोक्ष के लिए गारंटी देते चले जाते हैं। यज्ञों का जीवन में ध्यान रखना है। और 60 साल के बाद बहुत ज्यादा ध्यान रखना है।  जब...

Brief Notes from Yajyen – May 06, 2020 (In Hindi)

Swamiji conducting Yajyen – May 06, 2020 in evening सामवेद का भी बड़ा पुण्य है। मन्त्रों के हिसाब से सबसे छोटा वेद है पर हर ऋषि मुनि इसको सबसे बड़ा कह गए हैं। श्री कृष्ण ने भी कहा कि कि वेदों में मैं सामवेद हूँ – वेदानां सामवेदोऽस्मि (श्रीमद् भगवद्गीता...

ईश्वर की उपासना

स्वामी राम स्वरूप जी, योगाचार्य, वेद मंदिर (योल) (www.vedmandir.com) ओ३म् उत स्वया तन्वा३ सं वेद तत्कदान्वंतर्वरुणे भुवानि । किं मे हव्यमहृणानो जुषेत कदा मृळीकं सुमना अभि ख्यम् ॥ ऋग्वेद (७/८६/२) मंत्र में परमेश्वर की उपासना का प्रकार का वर्णन किया गया है। (उत) अथवा...

पाप नष्ट होने पर ही ईश्वर प्राप्ति संभव है

स्वामी राम स्वरूप जी, योगाचार्य, वेद मंदिर (योल) (www.vedmandir.com) पृच्छे तदेनो वरुण दिदृक्षूपो एमि चिकितुषो विपृच्छम्। समानमिन्मे कवयश्चिदाहुरयं ह तुभ्यं वरुणो हृणीते॥ (ऋग्वेद ७/८६/३) (वरुण) हे परमात्मा! (पृच्छे) मैं आप से पूछता हूँ कि (तत्) वह (एनः) पाप कौन से हैं...