Swami Ram Swarupji conducted the Yajyen on December 18, 2022. Here is the brief summary of his preach:
तदे॒वाग्निस्तदा॑दि॒त्यस्तद्वा॒युस्तदु॑ च॒न्द्रमाः॑। तदे॒व शु॒क्रं तद् ब्रह्म॒ ताऽआपः॒ स प्र॒जाप॑तिः ॥ यजुर्वेद मंत्र – 32/1
वह परमेश्वर-
सर्वव्यापक,
अकायम अर्थात काया रहित,
नित्य शुद्ध,
न्याय करने वाला,
सम्पूर्ण जगत को जानने वाला,
जगत की उत्पत्ति करने वाला
सत-चित-आनन्द स्वरुप,
अनन्त गुणों वाला,
अनन्त ज्ञान वाला,
स्वयं प्रकाशक,
जन्म-मृत्यु से रहित,
प्रलय लाने वाला
है।
वायु – उसका नाम वायु भी है क्योंकि उसमें अनन्त बल है। जैसे वायु नाश करता है वैसे परमेश्वर भी प्रलय में सबका नाश कर देता है।
चन्द्रमा – उसका नाम चन्द्रमा भी है क्योंकि जैसे चन्द्रमा की चांदनी आनन्द देती है वैसे ही परमेश्वर भी साधना करने वाले को आनंद देता है और उसके काम-क्रोध इत्यादि का नाश करता है।
शुक्रम – सर्व शक्तिमान होने से परमेश्वर का नाम शुक्रम भी है।
ब्रह्म – सबसे महान होने से परमेश्वर का नाम ब्रह्म भी है।
आप: – सर्वव्यापक होने से ईश्वर का नाम आप: भी है।
प्रजापति – सम्पूर्ण प्रजा का मालिक होने से ईश्वर का नाम प्रजापति भी है।
इसके अलावा परमेश्वर के अनन्त गुण होने से उनके नाम भी अनन्त है।