Swami Ram Swarupji conducted the Yajyen on December 11, 2022. Here is the brief summary of his preach:
रु॒चं ब्रा॒ह्मं ज॒नय॑न्तो दे॒वाऽअग्रे॒ तद॑ब्रुवन्। यस्त्वै॒वं ब्रा॑ह्म॒णो वि॒द्यात् तस्य॑ दे॒वाऽअ॑स॒न् वशे॑ ॥ (यजुर्वेद मंत्र – 31/21)
हे जिज्ञासु सुनो! यदि साधक साधना करता है, ईश्वर से प्रेम करता है, अपने गुरु की भक्ति करता है तो ब्रह्म के उपासक गुरु उसे ब्रह्म, जीव और प्रकृति इन तीनों का ज्ञान देते हैं।
और यदि साधक शिष्य परमेश्वर को, प्रकृति को एवं इन दोनों के गुणों को शब्द ब्रह्म से जान लेता है तो आचार्य उस साधक शिष्य के वश में हो जाते हैं की मेरे शिष्य ने यह ज्ञान जान लिया। इसलिए इस विद्या को जानो।