Dave: Dearest swamiji pranam how are you? Swamiji every ved mantra can have more than one meaning. Do you agree?
Swami Ram Swarup: My blessings to you. I am fine beta. Yes, please. Every ved mantra has more than one meaning. Mainly, first= Paarmarthik i.e., for the benefit of others.
Second- Vyavharik – about good behaviour.
Anupam: गुरुजी प्रणाम ।आज आपने हम सभी को चारों युग व उन्से बनने वाले मन्वंतरों का ज्ञान दिया।गुरुजी ये गढ़ना किन साक्ष के आधार पर की जाती है।गुरुजी ये ज्ञान पहली बार आप से ही मिल रहा है।व आप हमारे प्रश्नो का उत्तर देकर भ्रांति निवारण भी कर देते है।यह ईश्वर की हम पर कृपा है।गुरुजी अपने बताया कि ये 7वा मन्वन्तर चल रहा है।तो जब पहले मन्वन्तर का सतयुग शुरू हुआ उससे पहले क्या था।तब ईश्वर आत्मा प्रकृति कहाँ थे।गुरुजी आप बताते हैं ये 3नो स्वयंभू है।पर गुरुजी श्रति की रचना तो ईश्वर करता है तो प्रकृति क्या है व स्वयम्भू कैसे है।
Swami Ram Swarup: Blessings to you, beti. Manvantaron kee gannana ke sanket Manusmriti mein hain aur sabhi Arya log apni bahee-khate mein bhi usko note karte chale aaye hain. Pehle manvantar ka jub satyug shuru hua, ussey pehle pralaya avastha thee. Pralaya mein jeeta jagta tatva ek Ishwar hee hota hai.
Anupam: गुरुजी प्रणाम।गुरुजी आप ने बताया कि महाभारत के 10,000 श्लोक व्यासजी ने लिखे है व इस ग्रंथ में राधा का कही उल्लेख नही है।गुरुजी मैं यह किसी को बता रही थी तो उन्होंने मुझसे कहा कि किसी ग्रंथ विशेष में तो बढ़ी बढ़ी घटनाओ का ही उल्लेख रहता है।राधा के पक्ष वाला कृष्ण का व्यक्तिगत जीवन था और बाकी घटनाये अधिक महत्व की रही होंगी इस कारण यह उल्लेख व्यासजी ने नही किया होगा।गुरुजी सच कैसे जाने।
Swami Ram Swarup: Blessings beti.Jub Vyas Muniji ne Radha ke vishaye mein Sri Krishna Maharaj se sambandh etc., nahin likha aur kisi anya Rishi ne bhi nahin likha to baaki baatein to apraamaanik ho jaatee hain. To kya hum apramaanik baton par vishwas karke Jeevan nasht karein.