मंत्र का चिंतन करते हैं। (वृषणा) विद्या का दान देने वाले, विद्या बरसाने वाले नारी या पुरुष, बलवान् (अश्विना) यह बहुवचन में है तो नारी या पुरुष। यह जो पूर्व के विद्वानों ने जो तुम्हारे लिए रास्ता बनाया। अभी मैंने लेख में ‘यं ते पूर्वं पिता हुवे’...
S. Sharma: Maharaj ji Pranam. Vedas say that in the beginning of creation , the four vedas are revealed by God in the hearts of four rishis. Then they teach to one Brahma who further propagates. The question is that if one person can learn all the four vedas , why God...
नाकस्य पृष्ठे – मोक्ष के आनंद का अनुभव करो। प्रश्न यह आ जाता है कि मोक्ष कब और कैसे मिलेगा। यह पूर्णिमा और अमावस्या के यज्ञ मोक्ष के लिए गारंटी देते चले जाते हैं। यज्ञों का जीवन में ध्यान रखना है। और 60 साल के बाद बहुत ज्यादा ध्यान रखना है। जब...
Swamiji conducting Yajyen – May 06, 2020 in evening सामवेद का भी बड़ा पुण्य है। मन्त्रों के हिसाब से सबसे छोटा वेद है पर हर ऋषि मुनि इसको सबसे बड़ा कह गए हैं। श्री कृष्ण ने भी कहा कि कि वेदों में मैं सामवेद हूँ – वेदानां सामवेदोऽस्मि (श्रीमद् भगवद्गीता...
स्वामी राम स्वरूप जी, योगाचार्य, वेद मंदिर (योल) (www.vedmandir.com) ओ३म् उत स्वया तन्वा३ सं वेद तत्कदान्वंतर्वरुणे भुवानि । किं मे हव्यमहृणानो जुषेत कदा मृळीकं सुमना अभि ख्यम् ॥ ऋग्वेद (७/८६/२) मंत्र में परमेश्वर की उपासना का प्रकार का वर्णन किया गया है। (उत) अथवा...
स्वामी राम स्वरूप जी, योगाचार्य, वेद मंदिर (योल) (www.vedmandir.com) पृच्छे तदेनो वरुण दिदृक्षूपो एमि चिकितुषो विपृच्छम्। समानमिन्मे कवयश्चिदाहुरयं ह तुभ्यं वरुणो हृणीते॥ (ऋग्वेद ७/८६/३) (वरुण) हे परमात्मा! (पृच्छे) मैं आप से पूछता हूँ कि (तत्) वह (एनः) पाप कौन से हैं...
Rashmi: Maharaaj ji, Namaskaar! Why God took 5 days to give knowledge of vedas to the young creation after the previous srishtis destruction period was over. He is almighty he has unlimited power. As this fact was mentioned in Chandogya upnishad. With my regards,...
थोड़ा-थोड़ा चिंतन मनन बहुत जरूरी है। कानों से अमृत सुनना है। यह जो आप सुन रहे हो ये वेद हैं, ये अमृतवाणी है। आप अमृतवाणी वेद सुन रहें हैं। अगर चिंतन मनन भी होगा तो सोने पर सुहागा है। अभी तक जितने मंत्र हुए हैं वहाँ ज्यादातर विद्वानों का ही वर्णन चल रहा है। विद्वानों...
ऊतय: का अर्थ आप सबको पता है कि ‘रक्षा’ है। आजकल ऐसे मन्त्रों की आहुति बहुत ज़रूरी है। ईश्वर पूरी दुनिया की रक्षा करें, भारत की भी। कोरोना से घबराने की ज़रूरत नहीं है। आप अग्निहोत्र करते रहें, ईश्वर रक्षा करेगा और भारतवर्ष पे भी कृपा है। मैं विश्व के कल्याण के लिया भी...